यह मेरी हिंदी में पहली कविता है. उम्मीद है की आप को यह अच्छी लगे:- वह चींटी जब निकलती है बांबी से , वह कोयल जब पंख फड़फड़ा कर गाती है मधुर वाणी से , वह बादल जब कोहरे के साथ प्रतीत होता है भोर आने से , विशाल तपोवन में जब सुंदर फूल खिलते हैं वसंत आने से , वह मोर जब गहन गर्जन के धुन में बेफिक्र नाचती हैं , वर्षा आने से इन की अनुभूति करना ही कवी की कला है।
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